एक पतली विधुत चालक $R$ त्रिज्या की रिंग(छल्ले) को $+ Q$ आवेश दिया गया है। रिंग के केन्द्र $O$ पर रिंग के भाग $AKB$ के आवेश के कारण विधुत फील्ड का मान $E$ है। रिंग के शेष भाग $ACDB$ के आवेश के कारण केन्द्र $O$ पर विधुत क्षेत्र का मान होगा :

115-705

  • [AIPMT 2008]
  • A

    $E , KO$ दिशा में

  • B

    $3E , OK $ दिशा में

  • C

    $3E , KO$ दिशा में

  • D

    $E , OK$दिशा में

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किसी विद्युत क्षेत्र में संतुलन की अवस्था में इलेक्ट्रॉन के द्वारा अनुभव किया गया विद्युतीय बल उसके भार के तुल्य है, विद्युत क्षेत्र की तीव्रता होगी

$L (=20 cm )$ लम्बाई के एक तार को एक अर्ध वृत्ताकार चाप के रूप में मोड़ दिया गया है। यदि इस चाप के दो समान भागों को $\pm Q$ आवेश से एकसमान आवेशित कर दिया जाय $\left[| Q |=10^{3} \varepsilon_{0}\right.$ कूलॉम जहाँ $\varepsilon_{0}$ ($SI$ मात्रक में) मुक्त आकाश की विद्युतशीलता (परावैद्युतांक) है ], तो, अर्धवृत्ताकार चाप के केन्द्र $O$ पर नेट विद्युत क्षेत्र होगा :

  • [JEE MAIN 2015]

दो एकसमान बिन्दु आवेश एक दूसरे से $d$ दूरी पर स्थित है। दोनों आवेशों को जोड़ने वाली रेखा पर किसी एक आवेश से $x$ दूरी पर बिन्दु $P$ है $P$ पर विद्युत क्षेत्र $E$ है। निम्न में से कौनसा ग्राफ $E$ और  $x$ के मध्य सही ग्राफीय निरूपण व्यक्त करता है। यहाँ $x$ का मान शून्य से लेकर $d$ से कुछ कम तक है

पाँच बिन्दु आवेश प्रत्येक का परिमाण $‘q’$ है एक समषटभुज के पाँच कोनों पर चित्रानुसार रखे हैं, एवं केन्द्र $‘O’$ पर परिणामी विद्युत क्षेत्र $\vec E$ है। केन्द्र पर परिणामी विद्युत क्षेत्र $6\vec E$ प्राप्त करने के लिये छठे शीर्ष पर कितना आवेश रखना होगा

निम्न चार स्थितियों में आवेशित कण मूल बिन्दू से बराबर - बराबर दूरियों पर स्थित हैं मूल बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र के परिमाण को अधिकतम पहले लेते हुये इन्हें व्यवस्थित करें