एक पतली विधुत चालक $R$ त्रिज्या की रिंग(छल्ले) को $+ Q$ आवेश दिया गया है। रिंग के केन्द्र $O$ पर रिंग के भाग $AKB$ के आवेश के कारण विधुत फील्ड का मान $E$ है। रिंग के शेष भाग $ACDB$ के आवेश के कारण केन्द्र $O$ पर विधुत क्षेत्र का मान होगा :
$E , KO$ दिशा में
$3E , OK $ दिशा में
$3E , KO$ दिशा में
$E , OK$दिशा में
समकोण त्रिभुज $OAB$ के बिन्दु $A$ तथा $B$ पर आवेश $Q _{1}$ तथा $Q _{2}$ रखे हैं (चित्र देखिये)। यदि बिन्दु $O$ पर वैधुत क्षेत्र कर्ण के लम्बवत् है तो आवेशों का अनुपात $Q_{1} / Q_{2}$ किसके समानुपाती होगा ?
त्रिज्या $r$ की एक पतले अर्द्ध-वृत्तीय वलय पर धनात्मक आवेश $q$ एकसमान रूप से वितरित है। केन्द्र $O$ पर परिणामी क्षेत्र $\overrightarrow{ E }$ है।
$0.003\, gm$ द्रव्यमान का आवेशित कण नीचे की ओर कार्यरत विद्युत क्षेत्र $6 \times {10^4}\,N/C$ में विरामावस्था में है। आवेश का परिमाण होगा
दो बिन्दु आवेश $20\,\mu \,C$ एवं $80\,\mu \,C$ एक-दूसरे से $10\,cm$ की दूरी पर रखे हैं। इन दोनों को जोड़ने वाली रेखा पर $20\,\mu \,C$ से कितनी दूरी पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता शून्य.......$m$ होगी
मिलिकन तेल बूँद प्रयोग में $2.55 \times 10^{4} \,N C ^{-1}$ के नियत विध्यूत क्षेत्र के प्रभाव में $12$ इलेक्ट्रोंन आधिक्य की कोई तेल बूँद स्थिर रखी जाती है। तेल का घनत्व $1.26\, g cm ^{-3}$ है। बूँद की त्रिज्या का आकलन कीजिए $\left(g=9.81 m s ^{-2} ; e=1.60 \times 10^{-19} C \right) 1$